नई दिल्ली। गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बनने वाला है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एलान किया है कि राज्य में सोमवार यानी 14 जनवरी से 10 फीसदी आरक्षण देने वाला कानून लागू हो जाएगा। इस व्यवस्था का फायदा अब तक आरक्षण व्यवस्था से वंचित गुजरात के सामान्य वर्ग के लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को मिलेगा, जो कुल आबादी का करीब 28% हैं।
अब केंद्र सरकार द्वारा पारित सवर्ण आरक्षण को लागू करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है। हालांकि ये 10% आरक्षण एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए पहले से लागू 49% आरक्षण से अलग है। इसलिए मौजूदा वर्ग के आरक्षण हितों पर कोई असर नहीं होगा। आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के तमाम-वर्ग-जाति संप्रदाय के लोगों को 10 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण मिलेगा।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम के जरिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है। इसके जरिए एक प्रावधान जोड़ा गया है जो राज्य को ”नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर किसी तबके की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है।
यह ”विशेष प्रावधान निजी शैक्षणिक संस्थानों सहित शिक्षण संस्थानों, चाहे सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो या न हो, में उनके दाखिले से जुड़ा है। हालांकि यह प्रावधान अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर लागू नहीं होगा। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह आरक्षण मौजूदा आरक्षणों के अतिरिक्त होगा और हर श्रेणी में कुल सीटों की अधिकतम 10 फीसदी सीटों पर निर्भर होगा।