नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने साथ ही जम्मू कश्मीर के पुर्नगठन का संसद में 5 अगस्त को बिल पास हुआ था जिसके बाद सरदार पटेल जंयती के दिन से जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने को लेकर सरदार पटेल की जंयती का दिन सुनिश्चित किया गया था। कल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पूर्ण रूप से दो केन्द्र शासित प्रदेश बन गये थे, दोनो के उपराज्य पाल ने भी शपथ ले ली थी, वहीं आज से दोनो राज्यों में केन्द्र के सभी कानून भी लागू कर दिये गये।
इससे पहले जम्मू कश्मीर एक पूर्ण राज्य था, वहां मुख्यमंत्री के साथ साथ राज्यपाल का पद भी था। लेकिन अब जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शाति प्रदेशों में बांट दिया गया है इसलिए अब वहां दोनो राज्यों के अलग अलग उप राज्यपाल बनाये गये गये हें। आज से यहां पर 106 केंद्रीय कानून लागू हो गए। अब यहां आधार, आरटीई कानून भी लागू हो गए। विशेष राज्य होने के चलते जम्मू कश्मीर में जो 153 अलग कानून लागू थे, उन्हे समाप्त कर दिया गया है, वहीं पुराने 166 राज्य कानून लागू रहेंगे।
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में अब पांच साल के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निर्वाचित विधानसभा होगी। जम्मू कश्मीर में तो विधानसभा होगी लेकिन लद्दाख का शासन केंद्रीय ग्रह मंत्रालय के दिश निदैश पर उपराज्यपाल द्वारा चलाया जायेगा। दोनो राज्यों का उच्च न्यायालय एक ही होगा लेकिन राज्यों के एडवोकेट जनरल अलग अलग होंगे। यूपीएससी से ही लद्दाख के अधिकारियों की नियुक्ति होगी। जबकि जम्मू कश्मीर में राजपत्रित सेवाओं के लिए लोक सेवा आयोग बना रहेगा। दोनो राज्यों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनर्तगत ही वेतन दिया जायेगा।
पहले जम्मू कश्मीर में भारत का हिस्सा होने के बावजूद अलग झंडा था लेकिन अब यहां का कोई अलग झंडा नही होगा। अब वरिष्ठ अधिकारियों के सरकारी भवनों और वाहनों में सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में पहले विधानसभा 6 साल की थी लेकिन अब 5 साल की होगी। विधानसभा में अनुसूचित जाति के साथ साथ अनुसूचित जनजाति के लिए भी सीटें आरक्षित होंगी। पहले विधानसभा के साथ साथ विधान परिषद भी थी लेकिन अब विधान परिषद नही होगी। फिल्हाल अभी सांसदो की संख्या जम्मू कश्मीर में 4 और लद्दाख में एक है।