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शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 12 मरीजों की मौत, सांसों का संकट

कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही है। देश भर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है, जिसके चलते मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

शहडोल। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही है। देश भर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है, जिसके चलते मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है।

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मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में शनिवार देर रात ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई। इसके बाद से मध्यप्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है।

शहडोल मेडिकल कॉलेज में शनिवार देर रात ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से आईसीयू में भर्ती 12 मरीजों की जान चली गई। ऑक्सीजन कम होते ही मरीज तड़पने लगे, इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था के लिए अफरा तफरी मच गई। मेडिकल प्रबंधन ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर बनाने के लिए सिलेंडरों की व्यवस्था में जुट गया, लेकिन इस सब में 12 लोगों की जान चली गई।ऑक्सीजन की कमी वाले 12 मरीजों से पहले  शहडोल मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना के 10 और मरीजों की मौत हो गई थी। इस तरह शनिवार को कुल 22 मरीजों की जान गई।

शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन ने की पुष्टि, जिलाधिकारी का साफ इनकार

शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने भी ऑक्सीजन की कमी से 12 मौतों की पुष्टि कर दी है। डॉ. मिलिंद ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अब सिर्फ अति गंभीर मरीजों को ही ऑक्सीजन दी जा रही है। वहीं शहडोल के जिलाधिकारी ने इन मौतों के पीछे ऑक्सीजन की कमीं को कारण मानने से साफ इनकार कर दिया है।

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कमलनाथ ने पूछा, ऑक्सीजन की कमी से यूं ही कब तक होती रहेगी मौतें ?

ऑक्सीजन की कमी से हुई 12 मौतों को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दुख जताया है। इसके साथ ही शिवराज सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने कहा कि अब शहडोल में ऑक्सीजन  की कमी से मौतों की खबर बेहद ही दुखद है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेगी?

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