नई दिल्ली। भारत से हर साल लाखो लोग रोजगार की तलाश या ज्यादा पैसे कमाने की जुगत में विदेश जाते हैं। काम के दौरान या किसी हादसे में जब किसी भारतीय की मौत हो जाती है तो वहां के एंप्लायर्स शवों को वापस भेजने में काफी अड़चनें खड़ी करते हैं। कारण यह है कि उन्हे मरे हुए शख्स के परिवार वालों को मुआवजा न चुकाना पड़े। मुआवजे की रकम 4 लाख से 6 लाख रुपये के बीच में हो सकती है और इसे बचाने के लिए वहां के काफिल पूरी कोशिश करते हैं। ये मामला सऊदी अरब से जुड़ा हुआ है, जहां 150 भारतीयों के शवों को उनके परिजनों तक नहीं पहुंचाया गया और न ही इस मामले को विदेश मंत्रालय ने गंभीरता से लिया।
150 Indian Bodies Rot In Saudi :
150 शव पड़े है सऊदी के शवगृह में
सऊदी अरब में भारत के नार्थइस्ट के लोगो के पिछले एक साल में हुए मौतों में तक़रीबन 150 लोगो के शव वहां के शवगृह में पड़े हुए हैं। जिनके परिजन परेशान है उनका अंतिम संस्कार करने के लिए लेकिन परिवार वालो की बेबसी का कोई फर्क पड़ता नही दिख रहा है क्योकि विदेश मंत्रालय और दूतावास की ओर से सिवाय पत्र द्वारा आग्रह किए जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं निकाला जा रहा है।
एयरलाइन शवों को कार्गो में लाती है। सऊदी अरब में स्थित भारत के दूतावास इन मामलों में स्थानीय पुलिस को शामिल करने के बजाय केवल उन मालिकों को इन मामलों के लिए आग्रह भरे पत्र भेजता है। विदेश मंत्रालय भी केवल सऊदी के एंप्लायर्स पर आरोप लगाते हुए कह रहा है कि यहां से भेजे गए इमेल्स या फोन कॉल का कोई जवाब उधर से नहीं मिल पा रहा है।
लालफीताशाही कानून बाधा डाल रहा शवों को लाने में
सऊदी अरब के सख्त कानून के चलते वहां लालफीताशाही कानून बना हुआ है जिसमें मौत के बाद शवों की पूरी इंवेस्टीगेशन खत्म हो जाने पर ही स्थानीय अधिकारियों द्वारा शव को रिलीज किया जाता है। इसमें 60-90 दिनों का समय लग जाता है। लाल फीताशाही के चलते सऊदी अरब में किसी के शव को वापस उसके देश भेजने में बहुत समय लग जाता है। जिसकी वजह से कई लोगों के शव उनके घरों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं।
वहीं हत्या के मामले में शव को वापस उसके देश पहुंचाने में 60-90 दिनों का समय लग जाता है। तेलंगाना में निजामाबाद, वारंगल, करीमनगर, हैदराबाद से हजारों व आंध्र के कुछ जिलों से लोग सऊदी अरब में रोजगार के लिए जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों राज्यों से करीब 10 लाख से अधिक लोग वहां काम करते हैं।
सऊदी अरब के शवगृह में पड़े हुए शव को देश वापस लाने में एक बड़ा कारण यह भी है यहाँ पर स्थित उन्के परिजन विदेश मंत्रालय के माध्यम से सऊदी में उनके मालिकों से संपर्क स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से शवो को वापस लाने में ज्यादा समय ले रहा है।