नई दिल्ली। असम पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर राज्य में पिछले सप्ताह हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान 3,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया और 190 लोगों को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया गया। पूरे बवाल में अब तक 136 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। पकड़े गए लोगों पर हिंसा की साजिश करने का आरोप है। वहीं पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत भी हुई है।
असम पुलिस के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में चार लोगों की मौत हो गई है। ऐसे हालात बन गए थे कि पुलिस को मजबूरन फायरिंग करनी ही पड़ी, हालांकि अब हालात काफी हद तक सुधर गए हैं। डीजीपी बोले कि अभी तक 136 मुकदमें दर्ज हुए हैं, 190 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इनमें अधिकतर विरोध असम में हुआ है। पूरे राज्य में अभी तक पुलिस ने 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस का दावा है कि हिंसा के पीछे सोची समझी राजनीतिक साजिश है। अभी तक पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हुई है। जिन छात्रों को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया था, उन्हें काउंसलिंग के बाद छोड़ दिया गया है।
बता दें कि पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बीते दिनों से इंटरनेट की सुविधा बंद थी। हालांकि, मंगलवार को राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट की सुविधा को फिर से शुरू किया जा सकता है, इसके अलावा डिब्रूगढ़, गुवाहाटी समेत कई इलाकों में दिन में कर्फ्यू में छूट दी गई है।
पूर्वोत्तर में असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोत्तर के नागरिकों का कहना है कि नए कानून के कारण उनकी अस्मिता, संस्कृति खतरे में पड़ सकती है। हालांकि सरकार की ओर से लगातार आश्वासन दिया जा रहा है कि इस कानून से ऐसा नहीं होगा।