लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हर दिन कोई न कोई मामला उजागर हो रहा है। ऐसे में सरकार के लिए इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराना बड़ी चुनौती बन गयी है। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली अभ्यार्थियों की याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, याचियों ने डबल बेंच के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। बड़ी पीठ ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी। सिंगल बेंच के फैसले से शिक्षक भर्ती प्रकिया को झटका लगा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता चाहें तो हाईकोर्ट जा सकते हैं। दरअसल, पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें गलत प्रश्नों को यूजीसी पैनेल के समक्ष भेजने की बात कही गई थी।
हाईकोर्ट की डबल बेंच की इस रोक के बाद सरकार को बड़ी राहत मिली थी। हालांकि, इसके खिलाफ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। गौरतलब है कि 3 जून को उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग की 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ की सिंगल बेंच ने रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि अभ्यर्थी विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें।
आपत्तियों को सरकार यूजीसी को प्रेषित करेगी और यूजीसी आपत्तियों का निस्तारण करेगी। इसके साथ ही 8 मई के बाद से सरकार द्वारा कराई गई सभी प्रक्रिया पर रोक लग गई। इसमें उत्तरमाला, संशोधित उत्तरमाला, परिणाम, जिला विकल्प, जिला आवंटन, काउंसलिंग प्रक्रिया समेत सभी प्रक्रिया शून्य घोषित हो गई। बता दें कि याचियों ने 8 मई 2020 को जारी आंसर की में 4 उत्तरों को लेकर आपत्ति जताई है। याचियों का कहना है कि आपत्ति के सम्बंध में सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन न करने पर उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की है।