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दवा और उपकरण की खरीद में धांधली का आरोप, ACS अमित मोहन प्रसाद को लोकायुक्त का नोटिस

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद (Amit Mohan Prasad) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ट्रांसफर विवाद में घिरे अमित मोहन प्रसाद को अब लोकायुक्त ने नोटिस जारी किया है। ये नोटिस दवा और स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में हुए घोटाले के संबंध में दायर परिवाद को लेकर दिया गया है। इस संबंध में उनसे 28 जुलाई तक स्पष्टीकरण मांगा गया है।

By शिव मौर्या 
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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद (Amit Mohan Prasad) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ट्रांसफर विवाद में घिरे अमित मोहन प्रसाद को अब लोकायुक्त ने नोटिस जारी किया है। ये नोटिस दवा और स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में हुए घोटाले के संबंध में दायर परिवाद को लेकर दिया गया है। इस संबंध में उनसे 28 जुलाई तक स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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सचिव लोकायुक्त अनिल कुमार सिंह ने लखनऊ निवासी राजेश खन्ना की तरफ से दायर परिवाद के संबंध में दोषारोपण संबंधी तथ्यों पर तथ्यात्मक, सुसंगत एवं तार्किक स्पष्टीकरण मांगा है। साक्ष्य भी देने को कहा है। परिवाद में यूपी मेडिकल कार्पोरेशन में भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाते हुए दवाओं एवं जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद में घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

सूत्रों की माने तो लोकायुक्त की तरफ से नोटिस के बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की मुश्किलें बढ़नी तय हो गई हैं। दरअसल, पहले से ही ट्रांसफर ​विवाद को लेकर वो विवादों में हैं। ऐसे में अब उनकी और ज्यादा मुश्किलें बढ़नी तय गईं हैं। बता दें कि, बीते दिनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के छापों में मेडिकल कार्पोरेशन में करोड़ों की एक्सपायरी दवाएं बरामद हुई थीं, जिसके बाद से भी अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पर सवाल उठे थे।

एक व्यक्ति के कंपनी को लगातार पहुंचाया गया लाभ
आरोप लगाया गया है कि मेडिकल कार्पोरेशन में एक ही व्यक्ति की कंपनियों को लगातार लाभ पहुंचाया गया। इसी एक व्यक्ति की तीन कंपनियां अलग-अलग आर्डर लेकर सप्लाई कर रही हैं। एक ही टेंडर में उसकी तीनों कंपनियां प्रतिभाग करती हैं। शिकायतकर्ता ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के अलावा मेडिकल कार्पोरेशन की तत्कालीन एमडी कंचन वर्मा जीएम उज्ज्वल कुमार व सिद्धार्थ बहादुर सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। कोरोना काल में घटिया पीपीई किट की सप्लाई पर भी सवाल उठाए हैं।

 

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