हर साल शंकराचार्य जयंती वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। आपको बता दें कि आदि शंकराचार्य को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। Adi Shankaracharya Jayanti 2025: Today is Adi Shankaracharya Jayanti, know its importance
Adi Shankaracharya Jayanti 2025 : हर साल शंकराचार्य जयंती वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। आपको बता दें कि आदि शंकराचार्य को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इसलिए इस तिथि पर भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा पाठ भी की जाती है। 788 ई. में केरल के कलाडी में जन्मे आदि शंकराचार्य को अद्वैत वेदांत को पुनर्जीवित करने और हिंदू दर्शन को एकीकृत करने के लिए जाना जाता है। उनकी शिक्षाओं ने वास्तविकता की अद्वैतवादी प्रकृति पर जोर दिया, जिसमें कहा गया कि व्यक्तिगत आत्मा (आत्मान) और परम वास्तविकता (ब्रह्म) एक ही हैं।
आदि शंकराचार्य हिंदू धर्म के महान प्रतिनिधियों में से एक हैं। इन्होंने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए चार मठों की स्थापना की जिसमें पूर्व में गोवर्धन और जगन्नाथपुरी (उड़ीसा), पश्चिम में द्वारका शारदामठ (गुजरात), उत्तर में ज्योतिर्मठ बद्रीधाम (उत्तराखंड) और दक्षिण में शृंगेरी मठ, रामेश्वरम (तमिलनाडु) शामिल हैं। शंकराचार्य ने इन चारों मठों में योग्य शिष्यों को मठाधीश बनाने की परंपरा की शुरुआत की, जिसके बाद से इन मठों के मठाधीश को शंकराचार्य की उपाधि दी जाती है।
आज के इस दिन आदि शंकराचार्य के अनमोल विचारों का भी स्मरण करना जरूरी है
ब्रह्म सत्यं, जगन्मिथ्या
अहं ब्रह्मास्मि
ज्ञान ही मोक्ष का मार्ग है
मन ही बंधन और मुक्ति का कारण है
अपने कर्तव्यों का पालन ही धर्म है
शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है
वैराग्य ही सच्चे ज्ञान की पहली सीढ़ी है
ईश्वर सर्वत्र है, उसे बाहर मत खोजो, अपने भीतर देखो
वैराग्य ही सच्चे ज्ञान की पहली सीढ़ी है
ईश्वर सर्वत्र है, उसे बाहर मत खोजो, अपने भीतर देखो
जो अपनी आत्मा को जान लेता है, वह सभी को जान लेता है
मौन भी एक प्रकार की पूजा है