नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के बाद मोदी कैबिनेट की आज अहम बैठक चल रही है। इस बैठक में मोदी सरकार राष्ट्रीय जनंसख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर आगे कदम बढत्रा सकती है, जिसके तहत प्रत्यके नागरिक का पंजीकरण रजिस्टर होना आवश्यक है। इस बैठक से इतर आज देश के कई हिस्सों में CAA के खिलाफ प्रदर्शन भी जारी रहेगा। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की बैठक के लिए तय एजेंडे में एनपीआर को लेकर प्रस्ताव भी शामिल है।
एनपीआर में के ‘सामान्य नागरिकों’ की गणना की जाती है। एनपीआर के लिए ‘सामान्य नागरिकों’ से मतलब उस व्यक्ति से है, जो किसी स्थानीय क्षेत्र में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा हो या अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में रहने की उसकी योजना हो।
आधिकारिक वेबसाइड पर दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए अंतिम बार साल 2010 में आंकड़े जुटाए गए थे। जब 2011 के लिए जनगणना की जा रही थी। इन आंकड़ों को वर्ष 2015 में अपडेट किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण हुए थे।
उन आंकड़ों को डिजिटल करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अब सरकार ने ये फैसला लिया है कि 2021 जनगणना (Census 2021) के दौरान असम को छोड़कर अन्य सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए इन आंकड़ों को फिर से अपडेट किया जाएगा।