लखनऊ। होगमार्ड में वेतन घोटाला और यूपीपीसीएल में पीएफ घोटाले के बाद अब पूर्व सैनिक कल्याण निगम में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। वेतन शीट में फर्जी लोगों का नाम भरकर 5 करोड़ रुपयों का घपाला किया गया है। मामला शासन तक पहुंचा तो इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गयी। हालांकि, शुरूआती जांच में सामने आया कि घोटाला करने वाले कर्मियों पर प्रभावशाली लोगों का हाथ, जिसके कारण मामले को दबाने की भी कोशिश की गयी। सूत्रों की माने तो सही से जांच हुई तो घोटाले की रकम और अधिक बढ़ेगी। बता दें कि मामला पिछले सितंबर में वाराणसी में पकड़ा गया था। उस समय घोटाले की राशि महज 15.46 लाख रुपये बताई गई थी।
घपला करने वाले कर्मचारियों ने बैंक को भेजी जाने वाली फील्ड कर्मचारियों की वेतन शीट में अपने कई परिचितों का नाम व बैंक खाता नंबर डालकर रुपये उड़ाए थे। इस मामल में पिछले 20 सितंबर को ही निगम के वाराणसी स्थित कार्यालय के दो एकाउंट ऑफिसर, एक एकाउंट क्लर्क और एक कम्प्युटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। इसके बाद वर्ष 2014 से 2019 की वेतन शीट की जांच कराई गयी तो घपला लगातर बढ़ता गया।
जांच में सामने आया कि अभी तक करीब पांच करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। इस तरह की गड़बड़ियां निगम के अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों में भी किए जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता। इसको लेकर निगम प्रबंधन को सभी जिलों के रिकॉर्ड चेक कराके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। एक जनवरी 2009 से लेकर अभी तक की बैंक शीट की छानबीन की जाएगी। विभागीय जांच के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस प्रकरण की ईओडब्ल्यू से जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
सितंबर में दर्ज हुई FIR अक्टूबर में वापस लेने का जारी हुआ फरमान
वेतन शीट में फर्जीवड़ा उजागर होने के बाद सितंबर माह में एफआईआर दर्ज किया गया था। इसके बाद कई प्रभावशाली लोगों के दबाव में इसे अक्टूबर में वापस लेने का आदेश जारी कर दिया गया। संबंधित कर्मचारियों से गबन की राशि वसूलकर विशेष भर्त्सनात्मक प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिए कहा गया। वहीं, इस दौरान इस मामले को देखेने वाले अधिकारियों को हरियाणा और महाराष्ट्र की चुनावी ड्यूटी में भेज दिया गया। इसी दौरान मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गयी। इन अफसरों ने चुनाव ड्यूटी से लौटते ही इस मामले को उच्चस्तर पर साझा किया। इसके बाद एफआईआर वापस लेने सबंधी 14 अक्तूबर का आदेश रद किया गया।
10 हजार का इनामी कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार
यूपी पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. में 15.46 लाख रुपये का घोटाला करने वाले कंम्प्यूटर आपरेटर रवींद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के ऊपर दस हजार रुपये का इनाम घोषित था। वहीं, तीन अन्य कर्मचारियों लेखा लिपिक देवव्रत राय, लेखाकार महेंद्र सिंह और लेखाकार संजय कुमार वर्मा की पुलिस को तलाश है। इन तीनों पर भी 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित है।