नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान की मौजूदा तनातनी के बीच केन्या में अमेरिका के सैन्य प्रतिष्ठान पर आतंकी संगठन अल-शबाब ने आज सुबह हमला कर दिया। आर्मी बेस में अभी भी गोलीबारी जारी है। केन्या के लामू काउंटी स्थित मंदा बे में अमेरिकन बेस पर हमले की जिम्मेदारी अल शबाब ने ली है। कुछ अफ्रीकी देशों में अलकायदा से जुड़े आतंकी संगठन अल-शबाब का खासा प्रभाव है।
इससे पहले शनिवार देर रात को इराक में अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट और मोर्टार से हमला हुआ। हालांकि, यह हमला किसने किया है इसकी अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि यदि ईरान ऐसी गुस्ताखी फिर करता है तो उसे इसका अंजाम भुगतना होगा। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
ईरान ने लाल झंडा फहराकर दिए युद्ध के संकेत
ट्रंप के इस ट्वीट के बाद दोनों देशों के बीच का तनाव बढ़ना और तय है। एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति हमले की चेतावनी दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर ईरान ने मस्जिद पर लाल झंडा फहराकर युद्ध और बदले का एलान कर दिया है। शिया परंपरा के मुताबिक मस्जिद पर लाल झंडा युद्ध का प्रतीक और बदला लेने का प्रतीक होता है।
दशकों पुराने दुश्मनों की नई रंजिश
दरअसल कई दशकों से एक दूसरे के दुश्मन अमेरिका और ईरान की दुश्मनी नए दशक की शुरूआत में और ज्यादा बढ़ गई है। परसों अमेरिका ने ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी को बगदाद में एयर स्ट्राइक में मौत के घाट उतार दिया था। वहीं ईरान समर्थित संगठन हशद अल शाबी को भी अमेरिका ने कल इराक में निशाना बनाया। जिसके बाद बीती रात अमेरिका के दो ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया गया। पहला हमला अमेरिकी दूतावास पर हुआ जबकि दूसरा हमला एयरफोर्स बेस पर किया गया।