1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. मिशन-2022 को साधने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड में ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ लेकर निकले अखिलेश

मिशन-2022 को साधने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड में ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ लेकर निकले अखिलेश

यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) आगामी साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस लाने के मकसद से मंगलवार को 'समाजवादी विजय रथ यात्रा' (Samajwadi Vijay Rath Yatra) के माध्यम से कानपुर-बुंदेलखंड (Kanpur-Bundelkhand)   के निकल चुके हैं। अखिलेश यादव कानपुर से अपनी यात्रा का आगाज कर रहे हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

कानपुर। यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) आगामी साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में सत्ता हासिल करने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस लाने के मकसद से मंगलवार को ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ (Samajwadi Vijay Rath Yatra) के माध्यम से कानपुर-बुंदेलखंड (Kanpur-Bundelkhand)   के निकल चुके हैं।

पढ़ें :- Lok Sabha Election 2024 : 13 राज्यों की 88 सीटों पर थमा चुनाव प्रचार, अरुण गोविल-राहुल गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर

अखिलेश यादव कानपुर से अपनी यात्रा का आगाज कर रहे हैं। ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ (Samajwadi Vijay Rath Yatra) के माध्यम से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) दो दिन में 190 किलोमीटर की यात्रा में चार जिलों का भ्रमण करेंगे। कानपुर-बुंदेलखंड (Kanpur-Bundelkhand)   कभी बसपा का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब बदले सियासी समीकरण के तहत बीजेपी का दबदबा पूरी तरह से कायम है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) कानपुर-बुंदेलखंड (Kanpur-Bundelkhand)  इलाके में सपा के लिए बंजर पड़ी सियासी जमीन को उपजाऊ बना पाएंगे?

मिशन-2022 (Mission-2022) को फतह करने में जुटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) कानपुर के जाजमऊ से रथ यात्रा का आगाज कर दिया । इसके बाद रथ पर सवार होकर कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन और हमीरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सपा के बिगड़े सियासी समीकरण को दुरुस्त करेंगे। इस रथयात्रा के जरिए अखिलेश यादव योगी सरकार की खामियों को उजागर करेंगे और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने का काम करेंगे। इसके अलावा दूसरी तरफ, उनकी अपने परंपरागत वोट मुस्लिम और पिछड़ों के साथ दलितों को भी साधने रणनीति पर काम करेंगे।

पढ़ें :- हाथरस के भाजपा सांसद का हार्ट अटैक से हुआ निधन, 7 मई को होनी है वोटिंग

बता दें कि कानपुर-बुंदेलखंड (Kanpur-Bundelkhand)  इलाके में कुल 52 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत द​र्ज की थी। इसके अलावा बाकी चार सीटें सपा के पास है और एक सीट कांग्रेस के पास है। तो वहीं, बसपा 2017 के चुनाव में कानपुर-बुदंलेखंड (Kanpur-Bundelkhand)  में अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा मिलकर भी कानपुर-बुंदेलखंड में बीजेपी के विजय रथ को नहीं रोक सकी थी, जिसका नतीजा था इस इलाके की सभी 10 लोकसभा सीटों पर बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रहीं। यही वजह है कि इस बार बीजेपी क्लीन स्वीप करने की कवायद में है।

बता दें कि अखिलेश यादव ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ के पहले चरण में कानपुर-बुंदेलखंड के इलाके में रहेंगे, जो सियासी तौर पर सपा के लिए काफी अहम है। 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी के विजय रथ पर सवार बीजेपी ने सपा, बसपा और कांग्रेस का इस इलाके में पूरी तरह से सफाया कर दिया था। 2022 में भी क्लीन स्वीप कर इतिहास रचने की तैयारी में है। यही वजह है कि अखिलेश ने 2022 के चुनाव अभियान की यात्रा बीजेपी के मजबूत गढ़ माने जाने वाले कानपुर-बुंदलेखंड इलाके से ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ का आगाज कर रहे हैं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...