लखनऊ। आज मोदी सरकार ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेस किया है जिस पर सभी विपक्षी पार्टियों ने हंगामा शुरू कर दिया है। वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बिल को भारत और संविधान का अपमान बताया है। उनके मुताबिक नागरिक संशोधन बिल संविधान के पूरी तरह से खिलाफ है। उन्होने बेटियों की सुरक्षा, किसानो की समस्या से जोड़ते हुए तंज कसा कि मैंने पहले कहा था कि इनकी राजनीति, ध्यान हटाने और समाज बांटने की है।
ना किसान की आय दुगनी हुई
ना गंगा साफ़ हुई
ना अर्थव्यवस्था में सुधार लाए
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ना काला धन वापस लाए
ना नौकरियाँ लाए
ना बेटियों को बचा पाए
ना विकास कर पाए
मैंने पहले कहा था: इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बाँटने की है. #CitizenshipBill भारत का और संविधान का अपमान है।
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 9, 2019
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने जो नागरिकता संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया है उसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। मुस्लिमों के लिए इस विधेयक में कुछ नही है, बस इसी बात को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। वहीं यूपी के विपक्षी दलों सपा और बसपा ने इस बिल का विरोध करने का ऐलान कर दिया है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए बिल को भारत और संविधान का अपमान बता दिया। उन्होने इस दौरान यह भी कहा कि न किसान की आय दुगनी हुई, न गंगा साफ़ हुई, न अर्थव्यवस्था में सुधार लाए, न काला धन वापस लाए, न नौकरियां लाए, न बेटियों को बचा पाए, न विकास कर पाए, मैंने पहले कहा था, इनकी राजनीति, ध्यान हटाने और समाज बांटने की है। नागरिकता संसोधन बिल भारत का और संविधान का अपमान है।