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वर्चुअल हियरिंग का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तय किया ड्रेस कोड, लापरवाही बर्दाश्त नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोविड की वजह से चल रही कोर्ट की वर्चुअल सुनवाई में कुछ वकील रंग बिरंगे कपड़े पहन रहे हैं। कुछ स्कूटर पर बैठ कर बहस में शामिल हो रहे हैं तो कुछ बिस्तर पर आराम फरमाते हुए। यही नहीं एक महिला वकील तो फेस पैक लगा कर वर्चुअल हियरिंग में शामिल हुईं। यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी वकीलों को इसके लिए तयशुदा ड्रेस पहननी होगी।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोविड की वजह से चल रही कोर्ट की वर्चुअल सुनवाई में कुछ वकील रंग बिरंगे कपड़े पहन रहे हैं। कुछ स्कूटर पर बैठ कर बहस में शामिल हो रहे हैं तो कुछ बिस्तर पर आराम फरमाते हुए। यही नहीं एक महिला वकील तो फेस पैक लगा कर वर्चुअल हियरिंग में शामिल हुईं। यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी वकीलों को इसके लिए तयशुदा ड्रेस पहननी होगी।

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हाईकोर्ट ने कहा कि “पुरुष-महिला वकीलों को वर्चुअल माध्यम से पेश होने के दौरान ‘सादी सफेद शर्ट व सफेद सलवार-कमीज व सादी सफेद साड़ी के साथ सफेद नेक बैंड पहनना आवश्यक है। अगर वे काला कोट भी पहनते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत में एक वर्चुअल हियरिंग में एक वकील के रंगीन शर्ट पहन कर शामिल होने पर अदालत ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि हाल में इस अदालत ने, दूसरे हाईकोर्ट्स ने और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी देखा गया कि कुछ वकील बनियान पहन, कुछ रंगीन शर्ट में, कुछ पूजा के कपड़ों में, कुछ स्कूटर चलाते हुए, कुछ चहलकदमी करते, कुछ बाजार में खड़ी कार के अंदर से, कुछ शोर शराबे वाली जगह से, कुछ फ़ोन पर बात करते हुए वर्चुअल हियरिंग में शामिल हुए।

अदालत ने आगे कहा कि यही नहीं एक वकील साहब तो बिस्तर पर लेट कर और एक वकील साहिबा तो फेस पैक लगा कर हियरिंग में शामिल हो गयीं। अदालत ने कहा कि कोविड की वजह से बहुत सारे समझौते करने पड़ रहे हैं इसीलिए वकील साहिबान को वर्चुअल हियरिंग के दौरान कोट और गाउन न पहनने की इजाज़त दी गयी है।

13 मई 2020 को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस बारे में अपने सर्कुलर में लिखा था कि कोरोना के बीच मेडिकल राय के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सभी वकीलों को हियरिंग के दौरान प्लेन सफेद शर्ट व सफेद शलवार-क़मीज़ और सफेद नेक बैंड के साथ सफेद साड़ी पहनने की इजाज़त दी है। इस दौरान कोट, गाउन या रोब पहनना ज़रूरी नहीं होगा। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, ट्रिब्यूनल्स, कमीशन्स और दूसरे सभी फोरम के वकील साहिबान पर लागू होगा।

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अदालत ने एक वकील के रंगीन शर्ट पहन कर सुनवाई में शामिल होने से खफा होकर इस मसले पर अलग से आर्डर जारी किया। अदालत ने लिखा कि “इस अदालत ने कई बार ऐसी हरकतों को नज़रंदाज़ किया है। अदालत नरमी दिखाते हुए रंगीन शर्ट पहन कर आने वाले वकील पर भी जुर्माना नहीं कर रही है, लेकिन किसी भी हालत में हियरिंग में वकील साहिबान का बेढंगे कपड़े पहनना अनुचित है। जब वकील के आफिस या घर से वर्चुअल सुनवाई होती है तो कोर्ट रूम का ही एक्सटेंशन माना जायेगा। हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन्स को सलाह है कि वे अपने सदस्यों को ऐसा न करने की ताकीद करें।

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