नई दिल्ली। सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा की परेशानी जल्द खत्म होने का नाम नहीं लेने वाली हैं। अब सीवीसी ने उनके खिलाफ 6 आरोपों को लेकर जांच शुरू कर दी है। जिसमें मुख्य रूप से भगोड़े नीरव मोदी, विजय माल्या और एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन के खिलाफ जारी हुए लुक आउट सर्कुलर के आंतरिक ईमेल को लीक करने का आरोप भी शामिल है।
बताया जा रहा है कि वर्मा के खिलाफ यह शिकायतें भ्रष्टाचार निरोधी इकाई की जांच रिपोर्ट से मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्मा पर लगे 10 आरोपों के बाद उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए, जिसे उनके पूर्व नंबर दो रहे विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने लगाया था।
आलोक वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने नीरव मोदी के मामले में सीबीआई के कुछ आंतरिक ईमेल के लीक होने के मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया था। जबकि सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच चरम पर थी। वहीं नीरव मोदी के मामले के जांच अधिकारी को कमरे में लॉक करने के साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सीईआरटी को बुलाया था ताकि उनके पास मौजूद डाटा को प्राप्त किया जा सके। हालांकि इस कार्य के पीछे की वजह कभी नहीं बताई गई।
दूसरा बड़ा आरोप वर्मा पर शिवशंकरन के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को कमजोर करने का है। आईडीबीआई बैंक में 600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले शिवशंकरन ने को भारत से जाने की इजाजत दी गई। तीसरा गंभीर आरोप माल्या के लुकआउट सर्कुलर को अक्तबूर 2015 में कमजोर करने का है। माल्या पर आईडीबीआई बैंक के साथ 900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के खिलाफ मामला दर्ज है।