नई दिल्ली। अमेरिका की अगुआई वाली गठबंधन सेना ने इराक में लगातार दूसरे दिन एयर इस्ट्राइक की है। उत्तरी बगदाद में ताजी रोड के पास शनिवार सुबह किए गए हमले में छह लोग मारे गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को बगदाद हवाई अड्डे पर किए गए हवाई हमले में जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
इराक के सरकारी अधिकारियों का कहना है कि हवाई हमलों में उन दो कारों को निशाना बनाया गया जिसमें ईरान समर्थित लड़ाके सवार थे। इस हमले में हशद-अल-साबी के छह लड़ाके मारे गए हैं। फिलहाल हमले में मारे गए लड़ाकों की पहचान नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने इस हमले को इराक के हशद-अल-साबी के कमांडर के काफिले को निशाना बनाकर किया था।
इससे पहले शुक्रवार की देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी जनरल के खिलाफ कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जनरल कासिम सुलेमानी को मारने का फैसला ईरान और अमेरिका के बीच संभावित युद्ध रोकने के लिए लिया गया है न कि शुरू करने के लिए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना के अचूक हमले से दुनिया के नंबर एक आतंकी जनरल सुलेमानी की मौत हो गई। इसके साथ ही क्षेत्र में आतंक का राज खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि ईरानी जनरल अमेरिकी राजनयिकों और सैन्यकर्मियों पर हमलों की साजिश रच रहा था, लेकिन हमने उसे मार गिराया।
अमेरिका के हमले में एक ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर पश्चिम एशिया में अमेरिका तीन हजार और सैनिक भेज रहा है। यह जानकारी रक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को दी। अधिकारियों ने उस फैसले के बारे में बताया जिसकी पेंटागन से अभी घोषणा होनी बाकी है। अधिकारियों के अनुसार ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन से हैं। ये सैनिक 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन करीब 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे जिन्हें ईरान समर्थित मिलिशिया के लोगों और उनके समर्थकों द्वारा बगदाग में अमेरिकी दूतावास पर हमला करने के बाद इस सप्ताह के प्रारंभ में कुवैत में तैनात किया गया था।
हशद-अल-साबी जिसे कि पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) के नाम से जाना जाता है उसने इस बाक से इनकार किया है कि काफिले में उसका वरिष्ठ कमांडर मौजूद था। हमले में मारे गए छह लोगों में डॉक्टर भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं। ताजी रोड जहां पर हमला हुआ उससे कुछ दूरी पर ही गैर अमेरिकी सेना का डेरा है। जिसमें ब्रिटिश और इतालवी सैनिक शामिल हैं।
उधर सुलेमानी के मारे जाने पर ईरान भड़क गया है और उसने अमेरिका को धमकी दी है। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ का कहना है कि अमेरिका को इस दुस्साहस की भारी कीमत चुकानी होगी। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्वीट कर कहा, ‘अमेरिका का जनरल सुलेमानी को निशाना बनाने और उनकी हत्या करने के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का कदम बहुत खतरनाक और मूर्खतापूर्ण है। उनका बल प्रभावी रूप से दाएश (आईएसआईएस), अल नुसराह, अल कायदा एट अल से लड़ता था।