कोलकाला: महाचक्रवात अम्फान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में ऐसी तबाही मचाई कि करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों-करोड़ का नुकसान हुआ है। सुपर साइक्लोन अम्फान तो बंगाल से गुजर गया, मगर अपने पीछे उसने तबाही का मंजर छोड़ दिया है। घर, इमारत, सड़कें और पेड़ों को इस तूफान ने काफी तबाह किया है। यही वजह है कि अम्फान को ममता बनर्जी ने ‘तबाही’ का नाम दिया।
बुधवार को ममता बनर्जी कोलकाता में बनाए गए अम्फान वॉर रूम में मौजूद थीं और वहां से तबाही के पल-पल की गतिविधि पर नजर रखी हुई थीं। जब बंगाल में अम्फान का लैंडफॉल हुआ और तबाही का मंजर दिखा तो ममता बनर्जी के मुंह से पहला वाक्य निकला, ‘शोर्बोनाश होए गेलो’ (सर्वनाश हो गया या तबाह हो गया)। ममता बनर्जी ने बंग्ला में यह कहा।
ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना वायरस से भी कहीं बदतर साइक्लोन अम्फान का असर है। उन्होंने अम्फान के असर को डिस्क्राइब करने के लिए ‘तांडव’ शब्द का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि अब तक पश्चिम बंगाल में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी और आंकड़े आएंगे। बुधवार की शाम को ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं वॉर रूम में बैठी हूं। नबन्ना में स्थित मेरा कार्यालय हिल रहा है। मैं युद्ध स्तर पर एक कठिन स्थिति से निपट रही हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि इस तबाही से करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हमें सब कुछ फिर से बनाना होगा। बता दें कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ममता बनर्जी ने कहा, ‘ हम अभी तीन संकट का सामना कर रहे हैं। पहला कोरोना वायरस, दूसरा हजारों प्रवासी मजदूरों की घर वापसी और तीसरा साइक्लोन।’
दरअसल, चक्रवात तूफान अम्फान का पश्चिम बंगाल की खाड़ी में दोपहर करीब 3.30 से 5.30 बजे के बीच लैंडफॉल शुरू हुआ। अम्फान की तबाही में करीब बंगाल के सिर्फ एक जिले में 5500 घरों को नुकसान हुआ है। बंगाल के दीघा इलाके और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच दोपहर 3 बजे तूफान ने दस्तक दी। हालांकि एनडीआरएफ और राज्य सरकारों द्वारा साढ़े छह लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से जानमाल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। ओडिशा के केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक में तेज हवा पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए।