नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। गृहमंत्री ने कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। गृहमंत्री ने रैली में यह इशारा दिया है कि क्रिसमस के बाद इस मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में हिंसा तेज हो गयी है।
वहीं, अमित शाह झारखंड चुनाव के दौरान गिरिडीह, बाघमारा और देवघर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाओं में पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। वहीं, भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।’
इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि बस वह ही शोर मचा रहे हैं लेकिन उन्हें भारत के इतिहास की जानकारी नहीं है। हमारी पार्टी की युवा इकाई का एक जिलाध्यक्ष भी यह बता सकता है कि झारखंड में पांच साल के बीजेपी शासन में क्या-क्या विकास कार्य हुए और राहुल गांधी की कांग्रेस ने 55 साल के अपने शासन दौरान क्या कार्य किए।