नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजो की संख्या 20 हजार के पार पंहुच चुकी है, इस दौरान डॉक्टरों ने कोरोना योद्धा बनकर इस संकट को दूर करने का जिम्मा उठा रखा है लेकिन लगातार देश में इन्ही कोरोना योद्धाओं पर हमले किये जा रहे हैं। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कल से सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान किया था जिसको लेकर केन्द्र सरकार भी काफी चिंतित हो गयी थी। आज गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियों कॉफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना योद्धाओं से बात की और सुरक्षा का आश्वासन दिया तो डॉक्टरों ने सांकेतिक प्रदर्शन वापस ले लिया। गृह मंत्रालय ने कोरोना संकट के बीच डॉक्टरों पर हुए हमलों की जांच के लिए एक टीम बनाई। यह केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और बेंगलुरू समेत अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों को हमला करने की घटनाएं सामने आई थीं। जिसकी वजह से आईएमए ने सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। हालांकि आईएमए के कई पूर्व पदाधिकारियों ने भी डॉक्टरों से अपील की थी कि ऐसे समय में जब देश इस संकट से गुजर रहा है तो इस समय सांकेतिक प्रदर्शन सही नहीं है। उन्होंने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की थी।
गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। शाह ने संकट के वक्त में डॉक्टरों की भूमिका की तारीफ की। उन्होंने डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया और गुरुवार को होने वाले सांकेतिक प्रदर्शन को टालने की अपील की। जिसके बाद आईएमए ने इसे वापस लेने का ऐलान किया। आईएमए ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के खिलाफ 23 अप्रैल को ब्लैक डे का ऐलान किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने अलग-अलग 6 मंत्रालयों की टीम बनाई है। जो डॉक्टरों पर हमले की रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगी।