नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगन मोहन रेड्डी अपने निर्णयों के कारण चर्चा में बने हुए हैं। जगन मोहन सरकार की कैबिनेट ने राज्य की विधान परिषद को खत्म करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। वाईएसआर कांग्रेस के विधायक गुडीवाडा अमरनाथ ने इसकी जानकारी दी। यह फैसला सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बता दें कि आज से ही विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है।
कैबिनेट की बैठक के बाद आज सोमवार से ही विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में विधान परिषद के खत्म किए जाने पर चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष नारा चंद्रबाबू नायडू के विधायकों ने विधानसभा सत्र के बहिष्कार का फैसला किया है। रविवार को नायडू ने अपने विधायकों के साथ बैठक की। जिसमें तय किया गया कि पार्टी के 21 विधायक सत्र का बहिष्कार करेंगे।
आंध्र प्रदेश विधान परिषद में 58 सदस्य हैं। जगन मोहन रेड्डी के हाथों में बेशक राज्य की सत्ता की चाबी है लेकिन उच्च सदन यानी विधान परिषद् में चंद्रबाबू की पार्टी के पास बहुमत है। यहां टीडीपी के 27 और वाईएसआर कांग्रेस के नौ विधायक हैं। विधान परिषद् में जगन के तीन राजधानियों वाले महत्वकांक्षी प्रस्ताव को झटका लगा है। इस संबंध में जब विधेयक को विधान परिषद् में पेश किया गया तो टीडीपी ने इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया। जिसके कारण उनकी यह परियोजना लटक गई। बता दें कि
वर्तमान में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में ही विधान परिषद् है।