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जालसाज महेश चंद्र श्रीवास्तव का एक और कारनामा, फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी ठेकों में की करोड़ों की लूट?

By मुनेंद्र शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली। पूर्ववर्ती सरकारों में करोड़ों रुपयों की सरकारी धन लूट करने वाले महेंश चंद्र श्रीवास्तव की जड़े योगी सरकार में भी मजबूत हो गयीं हैं। भ्रष्ट ब्यूरोक्रेटस और नेताओं के गठजोड़ से वह हजारों करोड़ों का साम्राज्य बना लिया है। इस साम्राज्य को स्थापित करने के लिए जालसाज ने हर कदम पर प्रदेश सरकार में बैठे भ्रष्ट ब्यूरोक्रेटस और नेताओं का आशीर्वाद लिया। लिहाजा, उत्तर प्रदेश में सरकारी योजनाओं में सेंध लगाने वाला ये जालसाज विदेशों में भी अपनी अकूत संपत्तियां बना लीं।

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पर्दाफाश टीम के हाथ इस जालसाज के कारनामे की एक और दस्तावेज हाथ लगी है, जिसमें सामने आया है कि महेश चंद्र श्रीवास्तव ने पूर्ववर्ती सपा सरकार में फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र बनाकर करोड़ों रुपयों की योजनाओं में लूट खसोट की थी। इसकी जानकारी अफसरों को हुई तो उनके होश उड़ गए। इस पर यूपी स्टेट कान्स्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. ने लखनऊ जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी।

पूरे मामले की जांच के बाद सामने आया कि जिलाधिकारी लखनऊ की तरफ से महेश चंद्र श्रीवास्वत के लिए कोई भी चरित्र प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया है। यूपी स्टेट कान्स्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. को दिए गए रिपोर्ट में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि महेश चंद्र श्रीवास्तव का ये ​चरित्र प्रमाण पत्र फर्जी है। बावजूद इसके महेश चंद्र श्रीवास्तव के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सबसे बड़ी बात ये है कि जिस विभाग में इसने लूट खसोट किया है उसमें आज भी इसका वर्चस्व जारी है और हजारों करोड़ों का काम कर रहा है।

जालसाज पर दर्ज हैं दर्जनों मुकदमें
जालसाज महेश चंद्र श्रीवास्तव की कंपनी आरक्यूब इंफ्राटेक प्रा.लि. है। इस कंपनी के जरिए जालसाज ने करोड़ों रुपयों की सरकारी धन की लूट की है। इसके खिलाफ राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न थानों में करीब एक दर्जन एफआईआर दर्ज है। लेकिन इसके बाद भी भ्रष्टाचारी पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

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भाजपा विधायक ने भी उठाए थे सवाल
भाजपा विधायक पल्टूराम ने भी इसकी कंपनी को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराकर आरोपी पर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन जालसाज की गठजोड़ के आगे विधायक के पत्र को कोई तबज्जो नहीं मिला।

 

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