निकाय चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने भाजपा सरकार (BJP government) को घेरने का काम शुरू कर दिया है। वहीं, हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार की ओर से पिछड़ों का आरक्षण तय करने के बाद ही निकाय चुनाव कराने के निर्णय से साफ हो गया है कि इसमें वक्त लगेगा।
लखनऊ। निकाय चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने भाजपा सरकार (BJP government) को घेरने का काम शुरू कर दिया है। वहीं, हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार की ओर से पिछड़ों का आरक्षण तय करने के बाद ही निकाय चुनाव कराने के निर्णय से साफ हो गया है कि इसमें वक्त लगेगा।
आरक्षण को ख़त्म करने की कोशिश भाजपा की नकारात्मक राजनीति की विद्रूप साज़िश है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 28, 2022
वहीं, ओबीसी आरक्षण को लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष के बीच टक्कराव बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को एक बार फिर इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा हे कि, ‘आरक्षण को ख़त्म करने की कोशिश भाजपा की नकारात्मक राजनीति की विद्रूप साज़िश है।’
आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।
आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 27, 2022
इससे पहले उन्होंने मंगलवार को कहा था कि, आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।