नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में 27 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का समन भेजा है। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी ढांचा ढहाने का षड्यंत्र रचने के मामले में कल्याण सिंह मुख्य आरोपी हैं। वे हाल ही में राजस्थान के राज्यपाल पद से मुक्त हुए हैं। राज्यपाल रहने के दौरान अनुच्छेद 361 के तहत अदालत उन्हें तलब नहीं कर सकती थी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के आरोप फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह को मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी के तौर पर बुलाया नहीं जा सकता क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है।
बता दें, जिस समय सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी, उस समय कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल के पद पर थे। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को उनके कार्यकाल के दौरान आपराधिक और दीवानी मामलों से छूट प्रदान की गई है। इसके अनुसार, कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को सम्मन जारी नहीं कर सकती।
इसी मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास जमानत पर हैं।