नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है और इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन भी शामिल हो रही हैं। बैंक हड़ताल के चलते जिस बैंक ब्रांच के कर्मचारी शामिल होंगे, वहां का कामकाज प्रभावित हो सकता है और इसके अलावा एटीएम में भी कैश की किल्लत हो सकती है।
भारत बंद पर देश की सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया कि हड़ताल में भाग लेने वाली यूनियनों में हमारे बैंक कर्मचारियों की सदस्यता बहुत कम है। ऐसे में बैंक के कामकाज पर हड़ताल का असर कम से कम होगा। जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा को डर है कि हड़ताल का असर उसके कामकाज पर पड़ेगा। बैंक ने कहा कि वह अपने ब्रांच के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित कर रहा है।
ट्रेड यूनियनों की मांग….
भारत बंद करने वाले ट्रेड यूनियन का दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है। स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है।
यूनियन की कुछ अन्य मांगें…