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Basant Panchami 2022 : देवी मां सरस्वती पूजा के समय लहलहाते सरसों के फूल और वातावरण में पीले रंगों की बहार रहती है

हिंदू धर्म में पीले रंग को बहुत ही शुभ माना है। विद्या ,ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती को पीला रंग बहुत प्रिय है।हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विशेष दिन है। वसंत को ऋतुराज कहा जाता है। ऋतुओं का राजा कहा जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Basant Panchami 2022: हिंदू धर्म में पीले रंग को बहुत ही शुभ माना है। विद्या ,ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती को पीला रंग बहुत प्रिय है।हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विशेष दिन है। वसंत को ऋतुराज कहा जाता है। ऋतुओं का राजा कहा जाता है। बसंत के मौसम में वातावरण में पीले रंगों की बहार रहती है। पेड़ों के पत्तों के रंग पीले हो जाते है। कई महीनों पहले छात्रों और कला की पूजा करने वालों को बसंत पंचमी का इंतजार रहता है। इस समय सरसों के फूल खेतों में लहलहाते रहते है। वातावरण में मनमोहक सुगंध विखरी रहती है। मां सरस्वती की पूजा करने के लिए पीले वस्त्रों को धारण किया जाता है। देवी सरस्वती को पीले मिष्ठान, फूल और वस्त्र अर्पित किया जाता हैं। इस दिन मां सरस्वती की पूजा के समय  मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।

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माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि
प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रातः: 03:47 बजे से  रविवार को प्रातः: 03:46 बजे तक
पूजन का मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से लेकर दोपहर 12:35 तक
सिद्ध योग शाम 05 बजकर 42 मिनट तक

इस दिन पाठ्य सामग्री जैसे कलम और कॉपी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन निम्नलिखित कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है जैसे, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करना आदि।

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