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Basant Panchami 2022: सरस्वती माता की पूजा इस दिन करने से वे जल्द प्रसन्न हो जाती हैं

ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा बसन्त पंचमी के दिन किया जाता है। मां की पूजा के लिए पीले रंग के वस्त्र धारण कर भक्त गण पीले फूलों से ज्ञान की देवी की पूजा करते है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Basant Panchami 2022: ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा बसन्त पंचमी के दिन किया जाता है। मां की पूजा के लिए पीले रंग के वस्त्र धारण कर भक्त गण पीले फूलों से ज्ञान की देवी की पूजा करते है। मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती का ब्रह्माजी के मुख से अवतरण हुआ था। पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रात: 03:47 बजे से होगा, यह अगले दिन रविवार को प्रात: 03:46 बजे तक मनाई जाएगी।

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ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः

ॐ हृीं ऐं हृीं ओम् सरस्वत्यै नमः

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा.

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ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा.

मान्यता है कि सरस्वती माता की पूजा इस दिन करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। जिन लोगों को ज्ञान, वाणी और कला में बेहतर प्रदर्शन करना है, उन्हें मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन निम्नलिखित कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है जैसे, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करना आदि।

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