नई दिल्ली। देश की बिगड़ रही अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री ने मौजूदा सरकार को कुछ तरीके सुझाए है। साथ ही उन्होने इस स्थिती के लिए नोटबंदी और जीएसटी जैसे सरकारी कदम को जिम्मेदार बताया है।
मनमोहन सिंह ने कहा है कि पांच तरीकों को लागू करने से पहले यह स्वीकार करना होगा कि देश मंदी के दौर से गुजर रहा है। उन्होने सरकार से कहा कि उसे एक्स्पर्ट्स और सभी स्टेकहॉल्डर्स से खुले दिमाग से बात करनी होगी। हालाकि उन्होने कहा कि इस दिशा में सरकार की कोई रूचि नहीं दिख रही है।
पूर्व पीएम ने कहा कि मोदी सरकार को हेडलाइन मैनेजमेंट की आदत से बाहर आना होगा। उन्होने कहा कि सबसे पहले जीएसटी को तर्कसंगत बनाना होगा। उन्होने कहा कि इससे थोड़े समय के लिए कर का नुकसान होगा, लेकिन इसके दूरगामी फायदे मिलेंगे।
दूसरे कदम के बारे में उन्होने कहा कि सरकार को ग्रामीण खपत को बढ़ाने और कृषि सेक्टर को फिर से जीवित करना होगा, जो नए तरीकों से ही संभव है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर कांग्रेस मेनिफेस्टो में ठोस विकल्प दिए गए हैं। जिसमें कृषि बाजारों को मुफ्त करना होगा,जिससे जनता के पास पैसा आ सके।
तीसरे कदम के बारे में बताया कि पूंजी निर्माण के लिए कर्ज की कमी को दूर करना होगा। चौथा उपाय कपड़ा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और किफायती आवास जैसे प्रमुख क्षेत्रों को पुनर्जीवित करना है। वहीं पांचवे उपाय को लेकर कहा कि हमें अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेडवॉर के चलते खुल रहे नए निर्यात बाजारों को पहचानना होगा।