नई दिल्ली। अयोध्या फैसला आने से पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह और चीफ सेक्रेट्री राजेंद्र तिवारी को तलब किया है। चीफ जस्टिस आज दोनों अफसरों से मिलेंगे। माना जा रहा है कि अयोध्या पर संभावित फैसले से पहले की तैयारियों को लेकर यह मुलाकात हो सकती है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आगामी पर्वों और रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही योगी सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। इस कड़ी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। सूत्रों की माने तो, अयोध्या के फैसले को देखते हुए सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है।
सभी राज्यों को फैसले को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां भेज रहा है। इन 40 कंपनियों में 4000 पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान शामिल होंगे। वहीं, यूपी के बरेली जोन में करीब 6 हजार से ज्यादा लोग पुलिस रडार पर हैं।
आशंका है कि यह फैसले के बाद उपद्रव कर सकते हैं। ऐसे शरारती तत्वों को रेड कार्ड जारी किया गया है, यानी उन पर पुलिस की सख्त नजर रहेगी। बरेली जोन के शहर शाहजहापुर, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बिजनौर में 4 हजार से अधिक ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, ये वो लोग हैं जो बवाल करवा सकते हैं. इसके अलावा 90 ऐसे स्थान चिन्हित किये गए है जो संवेदनशील हैं।