मैनपुरी की लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के इस गढ़ को भेदने के लिए भाजपा रणनीति तैयार कर रही है। वहीं, सपा भी अपने गढ़ को बचाने के लिए प्रत्याशियों के नामों पर मंथन कर रही है। इससे पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बड़ा दांव चला है।
लखनऊ। मैनपुरी की लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के इस गढ़ को भेदने के लिए भाजपा रणनीति तैयार कर रही है। वहीं, सपा भी अपने गढ़ को बचाने के लिए प्रत्याशियों के नामों पर मंथन कर रही है। इससे पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बड़ा दांव चला है।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मैनपुरी का जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य को बना दिया है। आलोक भोगांव के रहने वाले हैं। पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बुधवार शाम को उनके नाम की घोषणा की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी किसे बनाया जाएगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है। दरअसल, उपचुनाव को लेकर सपा और भाजपा जनाधार वाली जातियों को साधने में जुटे हुए हैं।
एक तरफ जहां भाजपा मुलायम के गढ़ को भेदने के लिए शाक्य प्रत्याशी की तलाश में है। इससे पहले सपा ने शाक्य मतदाताओं को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। भोगांव के पूर्व मंत्री आलोक शाक्य को जिलाध्यक्ष की कमान सौंप दी है।
गौरतलब है कि, समाजवादी पार्टी के संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी की लोकसभा सीट रिक्त हो गई और अब यहां पर उपचुनाव होने जा रहा है। पांच दिसंबर को मतदान होगा और आठ दिसंबर को मतगणना होगी।