बेलपत्र धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। भगवान भोलेनाथ को पवित्र बेलपत्र चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने से उन्हें शीतलता प्राप्त होती है।
Belpatra Chadhane Ke Niyam : बेलपत्र धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। भगवान भोलेनाथ को पवित्र बेलपत्र चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने से उन्हें शीतलता प्राप्त होती है।
बेलपत्र तोड़ने का मंत्र
बेल के पत्ते तोड़ने से पहले निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-अमृतोद्भव श्रीवृक्ष महादेवप्रियःसदा। गृह्यामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात्॥ भावार्थ: अमृत से उत्पन्न सौंदर्य व ऐश्वर्यपूर्ण वृक्ष महादेव को हमेशा प्रिय है।
बेलपत्र तोड़ने के नियम
बेलपत्र को कभी भी चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति और सोमवार को तथा दोपहर के बाद नहीं तोड़ना चाहिए। नया बेल पत्र न मिले, तो किसी दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
बेलपत्र चढ़ाने के नियम
बेलपत्र भगवान शिव को हमेशा उल्टा चढ़ाया जाता है। यानी चिकनी सतह की तरफ वाला वाला भाग शिवजी की प्रतिमा से स्पर्श करते हुए ही बेलपत्र चढ़ाएं। बेलपत्र को हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं। इसके साथ शिव जी का जलाभिषेक भी जरूर करें।