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Bhagavan Jagannath Yatra Mahaprasad : जानिए जगन्‍नाथ मंदिर के प्रसाद को क्यों कहा जाता है ‘महाप्रसाद’

हिंदू धर्म में भगवान जगन्नाथ के प्रति लोगों की बहुत आस्था है। भगवान जगन्‍नाथ को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। भगवान जगन्‍नाथ को जगत का पालनकर्ता भी माना जाता है।

By अनूप कुमार 
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Bhagavan Jagannath Yatra Mahaprasad : हिंदू धर्म में भगवान जगन्नाथ के प्रति लोगों की बहुत आस्था है। भगवान जगन्‍नाथ को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। भगवान जगन्‍नाथ को जगत का पालनकर्ता भी माना जाता है। श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के मंदिर जाकर अपने सुखी जीवन का आर्शिवाद मांगते है।ओडिशा के पुरी में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ महीने में भगवान जगन्‍नाथ की रथयात्रा निकलती है। देश विदेश से आस्थावान भक्त इस अवसर पर रथयात्रा में शामिल होते है। रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है। इस प्रसाद को ‘महाप्रसाद’ कहा जाता है। आज  1 जुलाई को जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो चुकी है और यह 12 जुलाई तक चलेगी।भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इस प्रसाद को भक्त गण अपने घर के अन्नभण्डार में रख दें तो उनके घर में मां अन्नपूर्णा की कृपा बने रहती है और घर का अन्न भण्डार कभी खाली नहीं होता है। आइये जानते है महाप्रसाद की महिमा के बारे में।

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भगवान जगन्नाथ को भोग लगाने के निर्मित होने वाले इस महाप्रसाद में पवित्रता का विशेष ध्यान दिया जाता है। भगवान के प्रसाद को बनाने के लिए पानी भी खास तरह का इस्‍तेमाल होता है। भगवान के भोग को भगवान की रसोई के पास बने 2 कुओं के जल से तैयार किया जाता है। और इन कुओं के नाम गंगा-यमुना हैं। बहुत बड़ी मात्रा में तैयार किए जाने वाले इस भोग को बनाने में केवल इन गंगा-यमुना कुओं के पानी का ही इस्तेमाल होता है।  रसोई में भगवान के महाभोग के लिए महाप्रसाद को लकड़ी के चूल्हे पर मिट्टी के बर्तन में एक के ऊपर एक रखा जाता है और चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ऊपर रखे बर्तन का खाना सबसे पहले और नीचे रखे बर्तन का भोजन सबसे बाद में पकता है

भगवान का प्रसाद 40 से 50 क्विंटल चावल और 20 क्विंटल दाल व सब्जियों समेत तैयार किया जाता है। इस महाप्रसाद को करीब 500 रसोइए 300 सहयोगियों के द्वारा बनाते है। जिसे रोज करीब 20 हज़ार लोगों को और त्योहारों के समय में करीब 50 हजार भक्तो को भोजन कराया है। पौराणिक मान्यता है कि जगन्‍नाथ मंदिर के किचन में पूरा भोग मा लक्ष्मी की देखरेख में तैयार होता है। इस महाप्रसाद की महिमा ऐसी है कि इसे पाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

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