हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का पालन किया जाता है।
Bhaum Pradosh Vrat 2022 : हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का पालन किया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन है, इस वजह से यह भौम प्रदोष व्रत है।
प्रदोष व्रत 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 15 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 16 मार्च बुधवार को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत में शिव पूजा की ही महत्व है। भक्त गण इस दिन भगवान भोलेनाथ की प्रिय वस्तुएं उनको अर्पित कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते है। भक्त गण भांग, बेलपत्र, धतूरा, मदार पुष्प, गंगाजल, दूध आदि से भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं।