नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 17 अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत ने 17 अयोग्य विधायकों को राहत देते हुए उन्हें उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी। हालांकि, कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा विधायकों को अयोग्य करार देने के फैसले को सही ठहराया। विधायकों ने तत्कालीन विधानसभा स्पीकर के उन्हें अयोग्य ठहराने के फैसले को चुनौती दी थी।
कोर्ट ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों से नैतिकता की उम्मीद होती है। बता दें कि 25 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कर्नाटक में विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई 15 विधानसभा सीटों उपचुनाव होना है। अयोग्य विधायकों ने याचिका में उपचुनाव पर रोक की भी मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार के मुताबिक, इन सीटों पर पांच दिसंबर को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती नौ दिसंबर को होगी। निर्वाचन आयोग के फैसले के तहत राज्य में 11 नवंबर से आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। आयोग ने इससे पहले 21 अक्टूबर को इन सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित रहने की वजह से फैसले को टाल दिया था।
बढ़ सकती है भाजपा की मुश्किलें
आगामी उपचुनाव में येदियुरप्पा सरकार को हर हालत में छह सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी। ऐसा नहीं होने पर भाजपा सरकार अल्पमत में आ जाएगी। वर्तमान में विधानसभा में बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरुरत है जबकि भाजपा को 106 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। आगामी 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद बहुमत का आंकड़ा बढ़कर 112 हो जाएगा। भाजपा को अपनी सरकार बचाने के लिए छह और विधायकों के समर्थन की जरुरत पड़ेगी।