लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर योगी सरकार ने मुहर लगा दी है। इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी। लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली को सोमवार को कैबिनेट ने मंजूरी मिल गयी है। लखनऊ में सुजीत पांडेय की कमिश्नर पद पर तैनाती की गई है। वहीं, आलोक सिंह नोएडा के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं। बता दें कि, 15 राज्यों के 71 शहरों में कमिश्नर प्रणाली पहले से लागू है।
मजिस्ट्रेट स्तर की होती हैं शक्ति
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) से ऊपर जितने अधिकारी होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होती है। हालांकि, थानाध्यक्ष और सिपाही को वही अधिकार रहेंगे, जो उनको मिले हुए हैं। कहीं विवाद या बड़े बवाल जैसी घटना होती है तो जिलाधिकारी के पास ही भीड़ नियंत्रण और बल प्रयोग करने का अधिकार होता है, मगर कमिश्नरी लागू होने पर इसका अधिकार पुलिस के पास होगा.। इसके साथ ही शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लागू करने का अधिकार भी कमिश्नर को मिल जाएगा।
लखनऊ में बढ़ेंगे दो-दो थाने
लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी व गोमतीनगर एक्सटेंशन दो नए थानों के गठन की मंजूरी हो चुकी है। गौतमबुद्धनगर में भी दो नए थानों के गठन का प्रस्ताव पास हो चुका है। बताया गया कि दोनों जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मंजूरी के साथ ही दो-दो नए थानों की अधिसूचना भी जारी करने की तैयारी है।