बिहार विधानसभा में बुधवार को भी जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस और राजद के विधायकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों पार्टियों के विधायकों ने आंखों पर काली पट्टी बांधी थी।
पटना। बिहार विधानसभा में बुधवार को भी जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस और राजद के विधायकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों पार्टियों के विधायकों ने आंखों पर काली पट्टी बांधी थी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि मंगलवार को विधायकों के साथ हुई मारपीट करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाए। वहीं विधानसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष ने उसका बहिष्कार कर दिया। विपक्ष की ओर से एक भी विधायक ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया।
विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा।सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे।
सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा pic.twitter.com/kbl9L4K5Z6
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) March 24, 2021
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वहीं, इस दौरान विधानसभा परिसर में विपक्ष की एक महिला विधायक ने हाथों में चूडियां लेकर राज्य की नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है। इस बीच जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि कुछ आतंक परस्त लोग नहीं चाहते कि बिहार सुरक्षित रहे, इसलिए सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध की आड़ में सदन के अंदर स्पीकर को बंधक बना लिया गया।
प्रदर्शन के नाम पर जनता को परेशान किया गया। वहीं, बिहार के पूर्व सीएम राबड़ी देबी ने इसको लेकर ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि, विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा। सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे। सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा।