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Birth Anniversary: कमाई का एक हिस्सा दान देते थे गुलशन कुमार, इस वजह से गई थी जान

सबसे पहले जब गुलशन कुमार संगीत की दुनिया में नहीं थे तब वह अपने पिता के साथ दिल्ली की दरियागंज मार्केट में जूस की दुकान चलाते थे। कुछ समय तक यह काम करने के बाद उन्होंने यह काम छोड़ दिया और दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोली।

By आराधना शर्मा 
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नई दिल्ली: गुलशन कुमार ने अपने भजनों से सभी के दिलों में जगह बनाई है लेकिन अब वह हम सभी के बीच नहीं रहे। गुलशन कुमार का जन्म 5 मई, 1951 को हुआ था। उन्होंने संगीत को एक नई पहचान दी थी। आपको बता दें कि उनका पूरा नाम गुलशन कुमार दुआ था और उनका जीवन बहुत ही संघर्षो में बीता था। उनका संगीत के प्रति लगाव था और इसी के चलते उन्होंने एक खास मुकाम हासिल किया।

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सबसे पहले जब गुलशन कुमार संगीत की दुनिया में नहीं थे तब वह अपने पिता के साथ दिल्ली की दरियागंज मार्केट में जूस की दुकान चलाते थे। कुछ समय तक यह काम करने के बाद उन्होंने यह काम छोड़ दिया और दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोली। यहां वह बहुत ही सस्ते दामों में गानों की कैसेट्स बेचते थे। उसके बाद उन्होंने अपना खुद का सुपर कैसट इंडस्ट्री नाम से ऑडियो कैसट्स ऑपरेशन खोला।

फिर उन्होंने नोएडा में खुद की म्यूजिक प्रोडेक्शन कंपनी खोली और बाद में मुंबई शिफ्ट हो गए। कुछ ही समय बाद गुलशन कुमार ने टी सीरीज के कैसेट के जरिये संगीत को घर-घर पहुंचा दिया। जब गुलशन कुमार का निधन हुआ तो उनका कार्यभार उनके बेटे भूषण कुमार और बेटी तुलसी कुमार ने संभाला।

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टी-सीरीज आज भी सबसे प्रसिद्ध म्यूजिक प्रोडेक्शन कंपनी है और इसके बैनर तले कई गाने बनते हैं। आप सभी को बता दें कि गुलशन कुमार अपनी कमाई का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान किया करते थे। उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की थी जो आज भी तीर्थयात्रियों के लिए भोजन उपलब्ध कराता है।

कहा जाता है गुलशन ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड की जबरन वसूली की मांग के आगे झुकने से मना कर दिया था, और इसी के चलते उनकी हत्या कर दी गई। आपको बता दें कि 12 अगस्त, 1997 को मुंबई में एक मंदिर के बाहर गोली मारकर गुलशन की हत्या कर दी गयी थी।

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