नई दिल्ली: क्रिकेटर प्रवीण का जन्म दो अक्टूबर, 1986 को हुआ था। उत्तर प्रदेश के मेरठ के इस क्रिकेटर को एक घरेलू मैच में किए गए झगड़े के बाद से सिरफिरा करार दिया गया था। दरअसल, गेंदबाजों का बल्लेबाजों से लड़ना कोई नई बात नहीं थी। भारतीय तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार की इसी तरह की एक हरकत के लिए मैच रेफरी ने उन्हें ‘पागल’ और सिरफिरा क्रिकेटर करार दिया था।
आपको बता दें, कॉरपोरेट ट्रॉफी के दौरान ओएनजीसी और आयकर विभाग के बीच खेले गए एक मैच में बल्लेबाज अजीत अर्गल से प्रवीण कुमार उलझ पड़े। इसके बाद धमकाने और अपमानित करने का दोषी पाए जाने के बाद रेफरी ने कुमार को ‘मानसिक तौर पर अनफिट’ और सिरफिरा क्रिकेटर बताया था।
टूर्नामेंट में प्रवीण ओएनजीसी की ओर से खेल रहे थे और बल्लेबाज आयकर विभाग की टीम से खेल रहा था। मैच के 49वें ओवर में दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बीच-बचाव करने वाले अंपायर को भी प्रवीण के गुस्से से दो-चार होना पड़ा। प्रवीण ने अंपायर को भला-बुरा कह डाला। एक ओवर के दौरान प्रवीण कुमार ने अजितेष को दो बाउंसर फेंकी, फिर शॉर्ट बॉल डाली।
इसके बाद अजितेष ने मैदान अंपायर कमलेश शर्मा से शिकायत की कि आखिर वे नो बॉल क्यों नहीं दे रहे। इतना कहना था कि प्रवीण कुमार गुस्से से लाल हो उठे और सीधे बल्लेबाज पर भड़ास निकाली।
घटना के बाद ‘पागल’ करार दिए जाने के कुछ समय बाद प्रवीण ने कहा था, ‘‘एक समय ऐसा आया था जब मैंने असल में घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था। मैं सोचता था कि लोग मुझसे क्या बात करेंगे।
डर लगता था कि वे मुझसे कैसे-कैसे सवाल पूछेंगे, लेकिन धीरे-धीरे मैंने बाहर निकलना शुरू किया और सारी नकारात्मकता समाप्त हो गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं निराश था। मुझे ऐसे मंच पर खेलने का मौका नहीं मिला जिसका मैं काफी समय से हिस्सा था।’’
आईपीएल-7 के शुरुआती मैचों का हिस्सा नहीं होने से प्रवीण कुमार निराश हो गए थे। वह इतने निराश थे कि एक समय उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया था। उन्हें तब खेलने का मौका मिला, जब मुंबई इंडियंस के तेज गेंदबाज जहीर खान चोटिल हो गए। जहीर की जगह मुंबई ने प्रवीण कुमार को शामिल किया। उन्होंने आते ही दो विकेट चटकाकर खुद को साबित किया।