नई दिल्ली। केंद्री गृहमंत्री बुधवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद स्थिति की जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि घाटी में अब स्थिति समान्य हो गयी है। वहीं, इस पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज के समय इंटरनेट और स्वास्थ्य की जरूरत सबसे ज्यादा है लेकिन साढ़े तीन महीने से इंटरनेट बंद है।
वहीं, इस सवाल का अमित शाह ने जवाब देना शुरू किया तो गुलाम नबी आकंड़ों को लेकर टोका-टिप्पणी की। जिस पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर गुलाम नबी आजाद इन आंकड़ों को चैलेंज करते हैं तो मैं जिम्मेदारी के साथ बोलता हूं कि सारी जिम्मेदारी मेरी है। आप रिकॉर्ड पर कहिए कि ये आंकड़ा गलत है।
इस मसले पर मैं घंटों की चर्चा के लिए भी तैयार हूं। इसी दौरान अमित शाह ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जरिए कहा कि मैं नहीं चाहता था कि इतिहास में जाऊं लेकिन वो मुझे घसीट कर ले जा रहे हैं, अब उन्होंने कहा तो मुझे जवाब देना होगा। अब अगर वो नहीं रुके तो आप मुझे नहीं रोक सकते, उनको सहा अब मुझे भी सहन कर लीजिए।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंटरनेट आज सूचना के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में मोबाइल 1995-96 में आया लेकिन कश्मीर में मोबाइल बीजेपी सरकार 2003 लेकर आई। अमित शाह ने कहा कि इंटरनेट जरूरी है लेकिन देश की सुरक्षा का सवाल है, आतंकवाद के खिलाफ की लड़ाई का सवाल तो हमें सोचना पड़ेगा और जब जरूरी लगेगा तो हम इसे जरूर बहाल करेंगे।