लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में बिजल कर्मचारियों की चल रही हड़ताल को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि निजीकरण की आड़ में बीजेपी रोजगार खत्म कर रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार यह प्रस्ताव वापस ले। उन्होंने कहा विद्युत क्षेत्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही गड़बड़ी होनी शुरू हो गई। साढ़े तीन वर्षों में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। विद्युत आपूर्ति गांव में लगभग 10 घंटा और शहरों में 15 घंटा से ज्यादा कभी नहीं मिल पाई, उपभोक्ताओं को लम्बे-लम्बे बिल पकड़ाकर परेशान किया जा रहा है।
राजधानी लखनऊ में भी बिजली की आवाजाही बढ़ गई है। पानी की किल्लत भी है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार शासन चलाने के बजाय देश के साधनों-संसाधनों का बाजार लगा रही है। निजीकरण से वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बेचने में लगी है. इसके दुष्प्रभावों के बारे में भाजपा नहीं सोच रही है। उसे शासन चलाने में अपनी असफलता मान लेनी चाहिए। उसकी अपनी आर्थिक कुनीतियों के चलते अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। स्थिति उसके नियंत्रण में नहीं रह गई है इसलिए वह जल्दी से जल्दी सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौंप कर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधन करते हुए बाहर निकलने का मौका चाहती है।
उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने सपा को सौंपा ज्ञापन
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सम्बोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी को उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमण्डल ने सौंपा। ज्ञापन में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के सरकारी निर्णय की खिलाफत है। ज्ञापन में कहा गया है कि निजीकरण कभी उपभोक्ता हित में नहीं रहा। विभाग को इससे नुकसान ही हुआ है। आगरा में टोरंटो कम्पनी को काम सौंपा गया तो लगभग 2200 करोड़ रूपए पुराना बिजली का बिल उसने दबाकर रख लिए। वह लगातार अनुबंध का उल्लंघन कर रही है। इस पर पावर कारपोरेशन की चुप्पी समझ में नहीं आती।