नई दिल्ली। चीन से तनाव के बीच कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग तेज हो गयी है। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी खूब चल रहा है। इस बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने सीधे सोनिया गांधी से पूछा है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से कितना पैसा मिला है? इसके साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी से दस सवाल पूछे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों और कितना पैसा दिया गया? भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि, मैं सोनिया जी को यह कहना चाहता हूं कि कोरोना के कारण या चीन की स्थिति के कारण मूल सवालों से बचने की कोशिश नहीं करें। भारतीय सेना देश की और हमारी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है। भाजपा अध्यक्ष ने अगला सवाल किया कि 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के विश्वास के साथ विश्वासघात किया है। नड्डा ने कहा कि कुछ दिन पहले ट्वीट करके राजीव गांधी फाउंडेशन पर सवाल उठाए थे आज पी चिदंबरम कहते हैं कि फाउंडेशन पैसे लौटा देगा। देश के पूर्व वित्त मंत्री जो खुद बेल पर हों उसके द्वारा ये स्वीकारना कि देश के अहित में फाउंडेशन ने नियम की अवहेलना करते हुए फंड लिया।
आज देश जानना चाहता है कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच क्या रिश्ता है? दोनों के बीच हस्ताक्षरित और अहस्ताक्षरित MoU क्या है? इसके साथ ही जेपी नड्डा ने कहा कि RCEP का हिस्सा बनने की क्या जरूरत थी? चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 36.2 बिलियन अमरीकी डॉलर कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड जो लोगों की सेवा और उनको राहत पहुंचाने के लिए है उससे 2005-08 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों जारी किया गया?
इसके साथ ही उन्होंने सवाल पूछा कि यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों, सेल, गेल, एसबीआई, अन्य पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए क्यों दबाव बनाया गया। तत्कालीन पीएम नेशनल रिलीफ फंड का ऑडिटर कौन था? इसके जवाब में नड्डा ने कहा कि ठाकुर वैद्यनाथन एंड अय्यर कंपनी ऑडिटर थी। रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे। वो राज्य सभा के सांसद थे और चार राज्यों के राज्यपाल रहे। कई दशकों तक उसके ऑडिटर रहे… ऐसा क्यों।