मुंबई। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वाती को बुधवार सुबह आत्महत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया। अर्नब की गिरफ्तारी के बाद राजनेताओं ने आपातकाल के दिनों को याद किया है। इसके साथ ही इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। वहीं, शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की गयी है।
Strongly condemn this attack on freedom of press in Maharashtra. This fascist move is a sign of undeclared emergency.
Assaulting journalist #ArnabGoswami is an example of misuse of power. We must all stand up against this attack on India’s democracy.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 4, 2020
गौरतलब है कि हाल के दिनों में अर्नब ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गोस्वामी की हिरासत को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘हम महाराष्ट्र में प्रेस स्वतंत्रता पर हमले की निंदा करते हैं। यह प्रेस के साथ व्यवहार करने का तरीका नहीं है।
Arrest of Arnab Goswami is a move to throttle nationalist voice in media.Congress Emergency mindset is still there.#ArnabGoswami @Republic_Bharat @republic
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 4, 2020
यह हमें उन आपातकालीन दिनों की याद दिलाता है जब प्रेस के साथ इस तरह से व्यवहार किया गया था।’ इसके साथ ही पीयूष गोयल ने भी रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने हा कि यह फासीवादी कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला करना सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। हम सभी को भारत के लोकतंत्र पर इस हमले के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
Those in the free press who don’t stand up today in support of Arnab, you are now tactically in support of fascism. You may not like him, you may not approve of him,you may despise his very existence but if you stay silent you support suppression. Who speaks if you are next ?
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 4, 2020
जो लोग अर्नब के साथ नहीं खड़े, वो फासीवाद के समर्थक: स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘स्वतंत्र प्रेस में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े हैं, वे फासीवाद के समर्थन में हैं। आप उसे पसंद नहीं कर सकते हैं, आप उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं, आप उसके अस्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं, लेकिन अगर आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं।’
The arrest of senior journalist #ArnabGoswami is seriously reprehensible, unwarranted and worrisome. We had fought for freedoms of Press as well while opposing the draconian Emergency of 1975.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 4, 2020
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