मूवी ‘काली’ के पोस्टर के रिलीज होते ही विवाद में घिर गई थी. वहीं अब हिंदू देवी को कथित तौर पर अनुचित तरीके से चित्रित करने के लिए विभिन्न राज्यों में उनके विरुद्ध दर्ज कई प्राथमिकियों को एक साथ करने और रद्द करने के अनुरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर लिया है।
Black Poster Controversy: मूवी ‘काली’ के पोस्टर (Poster of the movie ‘Kaali’) के रिलीज होते ही विवाद में घिर गई थी. वहीं अब हिंदू देवी को कथित तौर पर अनुचित तरीके से चित्रित करने के लिए विभिन्न राज्यों में उनके विरुद्ध दर्ज कई प्राथमिकियों को एक साथ करने और रद्द करने के अनुरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख भी कर लिया है।
आपको बाया दें, इस मूवी के पोस्टर में हिंदू देवी काली (Hindu Goddess Kali) को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। जिसके सामने आने के बाद बहुत विवाद हुआ था। वहीं अब पोस्टर को लेकर दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में उनके विरुद्ध दर्ज की गई प्राथमिकियों को एक साथ करने और रद्द करने का अनुरोध भी किया है।
मूवी निर्माता ने इन प्राथमिकी के तहत की जाने वाली आपराधिक कार्रवाई पर एकतरफा रोक लगाने का भी अनुरोध भी कर चुके है। याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) की पीठ के समक्ष इसका उल्लेख किया गया था। पीठ ने कहा कि मणिमेकलाई की याचिका पर 20 जनवरी को सुनवाई होने वाली है।
उनकी रिट याचिका दिसंबर में दायर की गई थी, लेकिन 11 जनवरी को पंजीकृत भी की जा चुकी थी। मणिमेकलाई ने अपने विरुद्ध लखनऊ के हजरतगंज, मध्य प्रदेश के रतलाम, भोपाल और इंदौर, उत्तराखंड के हरिद्वार और दिल्ली की जिला अदालतों में कार्यवाही को चुनौती भी दे डाली है।
मणिमेकलाई ने अपनी याचिका में बोला है कि एक रचनात्मक फिल्म निर्माता के रूप में उनका इरादा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि एक समावेशी देवी की छवि को चित्रित करना था। याचिका में बोला है कि उनकी फिल्म देवी के व्यापक विचारों को दर्शाती है। उन्होंने अपनी याचिका में व्यक्तिगत प्रतिवादियों के साथ-साथ चार राज्यों को भी प्रतिवादी बनाया है।