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किसान परिवार में जन्मे मल्लिकार्जुन खड़गे कैसे पहुंचे ​कांग्रेस अध्यक्ष तक, जानिए इनका सियासी सफर

कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिला गया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत मिली है, जबकि शशि थरूर चुनाव हार गए हैं। हालांकि, खड़गे के नामांकन के बाद ही उनकी जीत सुनिश्चत बताई जा रही थी। चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को 7,897 वोट मिले, जबकि थरूर के खाते में केवल 1072 मत पड़े।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिला गया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत मिली है, जबकि शशि थरूर चुनाव हार गए हैं। हालांकि, खड़गे के नामांकन के बाद ही उनकी जीत सुनिश्चत बताई जा रही थी। चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को 7,897 वोट मिले, जबकि थरूर के खाते में केवल 1072 मत पड़े। ऐसे में आइए जानते हैं कि खड़गे छात्र राजनीति से कैसे कांग्रेस के कप्तान बने। इनके पूरे सियासी सफर पर डालते हैं नजर….

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किसान परिवार में हुआ था जन्म
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम मपन्ना खड़गे और मां का नाम सबावा था। इन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई कर्नाटक के गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से की। इसके बाद इन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की। इस दौरान वो छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और छात्रों के मुद्दों को लेकर संघर्ष करते थे। इसी के कारण वह यहां स्टूडेंट यूनियन के महासचिव भी चुने गए थे।

मजदूरों के हक में भी उठाया आवाज
मल्लिकार्जुन खड़गे ने एलएलबी करने के बाद वकालत की। इस दौरान उन्होंने मजदूरों की हक की आवाज भी उठाई। 1969 में वह एमकेएस मील्स कर्मचारी संघ के विधिक सलाहकार बने। इसके बाद उन्हें संयुक्त मजदूर संघ का प्रभावशाली नेता माने जाने लगा।

1969 में कांग्रेस में हुए शामिल
मल्लिकार्जुन खड़गे 1969 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। इस दौरान वो काफी चर्चित थे, जिसके कारण उन्हें गुलबर्गा कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया। 1972 में पहली बार कर्नाटक की गुरमीतकल विधानसभा सीट से विधायक बने। खरगे गुरमीतकल सीट से नौ बार विधायक चुने गए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों में मंत्री का पद भी संभाला। 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। 2008 तक वह इस पद पर बने रहे। 2009 में पहली बार सांसद चुने गए।

गांधी परिवार के बेहद करीबी
खड़गे की गिनती गांधी परिवार के बेहद करीबियों में होती है। साल 2014 में उनको लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2020 में राज्यसभा भेज दिया। पिछले साल गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हुआ तो खड़गे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया।

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