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Breaking- वाराणसी जिला कोर्ट का हिन्दू पक्ष में बड़ा फैसला, ज्ञानव्यापी-श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक

वाराणसी जिला कोर्ट ने सोमवार को हिन्दू पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने कहा कि ज्ञानव्यापी-श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर तय की गई है। हिन्दू  पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। Remove term: Varanasi District Court

By संतोष सिंह 
Updated Date

वाराणसी। वाराणसी जिला कोर्ट (Varanasi District Court) ने सोमवार को हिन्दू पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश (District Judge Dr. Ajay Krishna Vishwesh) की कोर्ट ने कहा कि ज्ञानव्यापी-श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर तय की गई है। हिन्दू  पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की अपील स्वीकार कर ली है। वकील ने कहा कि इसके साथ ही प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट 1991 नहीं लागू होगा। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष फैसले के दौरान मुस्लिम पक्ष मौजूद नहीं था। काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र-ज्ञानवापी परिसर छावनी में तब्दील है।

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ज्ञानवापी के फैसले को लेकर प्रदेश भर में पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में है। लखनऊ और आजमगढ़ समेत प्रदेश के कई शहरों में पुलिस फ्लैग मार्च किया। लखनऊ पुलिस आयुक्त  एसबी शिरोडकर (Lucknow Police Commissioner SB Shirodkar) ने कहा कि आज महत्वपूर्ण फैसला आने वाला है। हमलोगों ने फ्लैग मार्च कर सुरक्षा व्यवस्था की निरीक्षण किया।

शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की करेंगे मांग

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Hindu side lawyer Vishnu Shankar Jain) ने कहा कि अगर फैसला हमारे पक्ष में आता है तो फिर हम एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा।

संक्षेप में समझें पूरा मामला

18 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिविजन (Civil Judge Senior Division) रवि कुमार दिवाकर (Ravi Kumar Diwakar) ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था। 16 मई 2022 को सर्वे की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2022 से इस मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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