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ऑक्सीजन की कमी से अब नहीं थमेंगी सांसें, पीएम केयर्स फंड से लगेंगे 551 प्लांट

देश के अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में मेडिकल ऑक्सजीन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इसके लिए प्रधानमंत्री केयर्स फंड से मिलने वाली राशि से देश भर के सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 551 मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जायेगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश के अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में मेडिकल ऑक्सजीन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इसके लिए प्रधानमंत्री केयर्स फंड से मिलने वाली राशि से देश भर के सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 551 मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जायेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय के तरफ से कहा गया है कि इन ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री केयर्स फंड से धन आवंटन करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी है।

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प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी। ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालयों पर चिन्हित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। खरीद प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी।

पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे। इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के श्टॉप अपश् के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।

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