लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचाने वाला गेस्ट हाउस कांड अब सुलह की तरफ बढ़ चला है। लोकसभा चुनाव 2019 में वर्षों बाद एक मंच पर दिखे माया—मुलायम के बीच दूरियां कम करने का संकेत दिया था। इस बीच खबर आ रही है कि मुलायम सिंह यादव पर गेस्ट हाउस कांड में दर्ज मुकदमे को बसपा सुप्रीमो मायावती वापस लेंगी। इसकी पुष्टि बसपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कर दी है।
सूत्रों ने बताया कि, लोकसभा चुनाव के दौरान सपा—बसपा का यूपी में गठबंधन हुआ था, जो चुनाव बाद टूट गया। सूत्रों की माने तो गठबंधन के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा नेतृत्व से गेस्ट हाउस कांड में नामजद मुलायम सिंह के खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा वापस लेने का आग्रह किया था। जिसके बाद बसपा सुप्रीमो ने यह फैसला लिया है।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस कांड के सभी आरोपियों के नाम मुकदमे से वापस होंगे या फिर सिर्फ मुलायम सिंह यादव के। इधर, सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद अचानक मुकदमा वापसी की चर्चा फैलते ही सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलबाजी शुरू हो गई है। इसके सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। बता दें कि, यूपी की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा-बसपा अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरे थे, जिसमें बसपा का खाता तक नहीं खुला, जबकि सपा के खाते में तीन सीटें गईं थीं।
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश की राजनीति में दो जून 1995 का दिन स्टेट गेस्ट हाउस कांड के रूप में याद किया जाता है। मायावती पर हमले के विरोध में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, सपा के वरिष्ठ नेता धनीराम वर्मा, मोहम्मद आजम खां, बेनी प्रसाद वर्मा समेत कई नेताओं के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे।