उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। इसके बाद निकाय चुनाव को लेकर और ज्यादा सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्षी पार्टियां लगातार इसको लेकर भाजपा सरकार पर हमलावार हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी भी अब निकाय चुनाव को लेकर सक्रिय हो गई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। इसके बाद निकाय चुनाव को लेकर और ज्यादा सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्षी पार्टियां लगातार इसको लेकर भाजपा सरकार पर हमलावार हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी भी अब निकाय चुनाव को लेकर सक्रिय हो गई है।
बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने लखनऊ में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर बैठक रखी है। 30 दिसंबर को इस बैठक का आयोजन होगा। बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता, मंडल कोआर्डिनेटर, सेक्टर कोआर्डिनेटर, बामसेफ के जिलाध्यक्ष एवं पार्टी जिलाध्यक्ष बुलाए गए हैं। इसमें निकाय चुनाव एवं लोकसभा चुनाव 2024 दोनों पर मंथन होगा।
निकाय चुनाव में हो सकती है देरी
बता दें कि, हाईकोर्ट के फैसले के बाद निकाय चुनाव में देरी की बात कही जा रही है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार की ओर से पिछड़ों का आरक्षण तय करने के बाद ही निकाय चुनाव कराने के निर्णय से साफ हो गया है कि इसमें वक्त लगेगा। सरकार को आयोग का गठन करना होगा और आयोग की निगरानी में ही अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की प्रक्रिया अपनानी होगी। उधर, फरवरी में सरकार ग्लोबल इंवेस्टर समिट करा रही है। फरवरी-मार्च में यूपी समेत विभिन्न बोर्डों की परीक्षाएं भी होनी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार के लिए अप्रैल या मई से पहले चुनाव कराना संभव नहीं है।