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Union Budget 2022 : जानें बजट में किसको मिली खुशी और कौन रहा खाली हाथ?

Union Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। कोरोना संकट के इस दौर में आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए मोदी सरकार ने 1 फरवरी को आम बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में टैबलेट के जरिए बजट पेश किया और पढ़ा। संकट के इस दौर में जैसा कि लोगों को अपेक्षा थी कि मोदी सरकार कुछ बड़ा ऐलान करेगी, जिससे नौकरी-पेशा वाले लोगों को राहत मिल पाएगी, मगर बजट में ऐसा कुछ खास देखने को नहीं मिला।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Union Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। कोरोना संकट के इस दौर में आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए मोदी सरकार ने 1 फरवरी को आम बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में टैबलेट के जरिए बजट पेश किया और पढ़ा। संकट के इस दौर में जैसा कि लोगों को अपेक्षा थी कि मोदी सरकार कुछ बड़ा ऐलान करेगी, जिससे नौकरी-पेशा वाले लोगों को राहत मिल पाएगी, मगर बजट में ऐसा कुछ खास देखने को नहीं मिला। इस बजट में कुछ लोगों को फायदा होता भी दिख रहा है तो कुछ लोगों के हाथ खाली दिख रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि मोदी सरकार के इस बजट में किन-किनको राहत मिली है और किन्हें झटका लगा?

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राहत 

कोरोना वैक्सीन के लिए आबंटित किए 35000 करोड़

मोदी सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। वैक्सीनेशन के लिए मोदी सरकार ने न सिर्फ भारी भरकम पैकेज का ऐलान किया, बल्कि कहा है कि जल्द ही दो और वैक्सीन देश में उपलब्ध होंगी। आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि मैंने 2021-22 के लिए कोविड-19 टीकों के वास्ते 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही कोविड-19 के दो टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है। देश में जल्द ही दो और टीकों को टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकता है।

 

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एफडीआई की सीमा 49 से 74 फीसदी बढ़ाया

बीमा सेक्टर में (एफडीआई) की बढ़ाकर सरकार ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने की एक बड़ी कोशिश की है। सरकार ने एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने कहा कि नए ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड और प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे। कम से कम 50 प्रतिशत निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे। इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा।

सोना-चांदी व लेदर प्रोडक्ट होंगे सस्ते

सरकार ने बजट में सोना-चांदी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने सोना-चांदी से कस्टम ड्यूटी को घटाया है। इसका मतलब है कि अब ये दोनों धातुएं सस्ती होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की है। फिलहाल सोने पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। इस तरह से अब सोने पर सिर्फ 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी होगी। इतना ही नहीं, चुनिंदा लेदर को कस्टम ड्यूटी से हटा दिया गया है। इससे लेदर के प्रोडक्ट सस्ते होंगें।

देश में पहली बार होगी डिजिटल जनगणना

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देश में पहली बार डिजिटल तरीके से जनगणना होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने आगामी जनगणना के लिए 3,726 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। पहली बार देश में डिजिटल जनगणना होगी। वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार एक राष्ट्रीय भाषा अनुवाद पहल पर भी काम कर रही है।

75 साल से अधिक उम्र के लोगों को टैक्स से छूट

मोदी सरकार ने 75 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को बड़ी राहत दी है। इस आयु सीमा के लोगों को अब इनकम टैक्स भरने की जरूरत नहीं होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने आयकर आंकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी। इसके साथ ही कर धोखाधड़ी से जुड़े ऐसे गंभीर मामलों में जहां छिपायी गयी आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, यह अवधि 10 साल होगी।

झटका

डीजल-पेट्रोल पर सेस बढ़ा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.50 रुपये और डीजल पर 4 रुपये का कृषि सेस लगाने का ऐलान किया। हालांकि सरकार का दावा है कि इसका असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। ये सेस कंपनियों को देना होगा। मगर आशंका जताई जा रही है कि बाद में कंपनियों की मनमानी की कीमत कहीं उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ सकती है।

टैक्स पेयर्स को कोई राहत नहीं

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कोरोना काल में टैक्स पेयर्स को कुछ छूट मिलने की उम्मीद थी, मगर वे खाली हाथ रह गए। इस बजट में उनके लिए कुछ भी नहीं है। मिडिल क्लास और नौकरी-पेशा वालों के लिए न तो कोई अतिरिक्त टैक्स छूट दी गई और न ही टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किया गया। कम सैलरी वाले टैक्सपेयर्स, मिडिल क्लास और छोटे-मोटे बिजनेस करने वालों को टैक्स को लेकर सबसे अधिक उम्मीदें थीं, मगर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

मोबाइल फोन होंगे महंगे

सरकार के इस बजट से मोबाइल खरीदने की चाह रखने वालों को झटका लगा है। निर्मला सीतारमण ने मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल उपकरण पर अब कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी तक लगेगा। आंकड़ों की मानें तो पिछले 4 साल में सरकार ने इन मोबाइल प्रोडक्ट्स पर औसतन करीब 10 फीसदी तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। ऐसे में अगर यर प्रोडक्ट महंगा हुआ तो इसका असर आम लोगों पर पड़ेगा।

रोजगार को लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं

बजट में इन्फ्रास्ट्रक्टर और हाईवे निर्माण को लेकर बड़े ऐलान किए हैं। मगर बजट में रोजगार सृजन को लेकर न तो कोई स्पष्ट और प्रत्यक्ष तौर पर बात की गई है और न ही इसे लेकर कोई ठोस रोडमैप दिखाया गया है। देश में इस साल कितने रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, इसे लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं दिखी।

किसानों की उम्मीदों को झटका

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में मिलने वाले पैसे को बढ़ाया जा सकता है, मगर ऐसा नहीं हुआ। पीएम किसान योजना के तहत अभी हर साल 6,000 रुपए मिलते हैं और ऐसी उम्मीदे थीं कि इसमें 3,000 रुपए का इजाफा हो सकता है। मगर ऐसा नहीं हुआ। अब तक इस योजना का लाभ 11 करोड़ 52 लाख किसान उठा रहे हैं।

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