लखनऊ: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। यह पांच दिन चलने वाले दीपावली उत्सव का पहला दिन होता है। धनतेरस से ही तीन दिन तक चलने वाला गोत्रिरात्र व्रत भी शुरू होता है। आओ जानते हैं इस दिन खरीदे जाने वाली 5 खास वस्तुएं और खरीदे जाने का मुहूर्त।
इस दिन पुराने बर्तनों को बदलकर यथाशक्ति ताम्बे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन खरीदते हैं। पीतल के बर्तन लक्ष्मी और बृहस्पति के प्रतीक हैं अत: इस दिन सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो पीतल के बर्तन जरूर खरीदें।
इस दिन सोने या चांदी के आभूषण खरीदने की परंपरा भी है। सोना भी लक्ष्मी और बृस्पति का प्रतीक है इसलिए सोना खरीदें। कुछ लोग सोने या चांदी के सिक्के खरीदते हैं।
इस दिन जहां ग्रामिण क्षेत्रों में धनिए के नए बीज खरीदते हैं वहीं शहरी क्षेत्र में पूजा के लिए साबुत धनिया खरीदते हैं। इस दिन सूखे धनिया के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलकर एक मिश्रण बनाकर ‘नैवेद्य’ तैयार करते हैं।
इस दिन दीपावली पर पहनने के लिए नए वस्त्र खरीदने की परंपरा भी है।
इसके अलावा इस दिन दीपावली पूजन हेतु लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, खिलौने, खील-बताशे आदि भी खरीदे जाते हैं। इस दिन लक्ष्मी, गणेश, कुबेर, धन्वंतरि और यमराजजी की पूजा होती है। इस दिन ग्रामिण क्षेत्रों में पशुओं की पूजा भी होती है।
इस बार धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर 2020 गुरुवार को रात्रि 09 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होकर 13 नवंबर शुक्रवार शाम 05 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। ऐसे में धनतेरस 13 नवंबर को है। परंतु लाला रामस्वरूप कैलेंडर के अनुसार धनतेरस 12 नवंबर को ही है।