प्रतापगढ़। हाल ही में कोरोना संकट के दौरान देखा गया कि बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार कांग्रेस की आलोचना कर रही है जिसको लेकर विपक्ष ने दावा किया है कि बसपा का बिजेपी से मिलाप हो गया हैं. ये अंटकले अभी थमी भी नही थी कि अब राजा भैया को लेकर सियासी हलचल तेज हो गयी है. दरअसल योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह बुधवार को जनसत्ता पार्टी के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया से मिलने उनकी बेती कोठी पर पहुंचे. कैबिनेट मंत्री मोती सिंह और कुंडा विधायक राजा भैया के बीच इस मुलाकात से अटकलों का बाजार भी गर्म है. इस दौरान बेती कोठी के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ भी नजर आई. बताया गया कि मोती सिंह की राजा भैया के साथ ये पहली मुलाकात थी.
इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जाने लगे है. आने वाले वक्त में जिला पंचायत अध्यक्ष, एमएलसी और विधानसभा का चुनाव होना है. जिसकी वजह से इस मुलाकात को सियासी चश्मे से देखा जा रहा. एक बार फिर राजा भैया का रुख भाजपा की तरफ होने से भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.
राजा भैया लगातार कुंडा से कई बार विधायक हैं. 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं. 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे. 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था. गौरतलब है कि कुंडा के निर्दलीय विधायक राजा भैया ने लोकसभा चुनाव से पहले जनसत्ता पार्टी का गठन कर चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली. अब दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात को 2022 के विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि काफी दिनो तक राजा भैया का सपा से गठबंधन था लेकिन जैसे ही बसपा-सपा का गठबंधन हुआ तो राजा ने अखिलेश से दूरी बढ़ा ली।